हिन्दी ज्ञान
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रविवार, 15 अक्तूबर 2017
आत्मदीपो भव
गौतम बुद्ध ने कहा है - आत्मदीपो भव
जब जब बाहर आलोक कम होता दिखे, अपने भीतर अपनी चेतना का आलोक जलाएँ। इस आलोक में सबकी आज़ादी, सबकी बराबरी और सबसे भाईचारा जगमग कर उठे...
आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएँ
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