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प्रेरणादायक संप्रेषण

पर्यावरण क्या है
 
 
 
तू किसी रेल सी गुजरती है, मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ - दुष्यंत कुमार
 
 
हार नहीं मानूँगा, रण नहीं छोड़ूँगा
 
 
सभ्यता और संस्कृति
 

 
दम गोंडवी की नज़्म हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए : आवृत्तिकार सुरलीन कौर
 
 
भवानी प्रसाद मिश्र की कालजयी रचना - सन्नाटा की आवृत्ति करते हुए फिल्मकार सौरभ शुक्ला
 
 
रामधारी सिंह "दिनकर" की प्रसिद्‌ध कविता रश्मिरथी के एक अंश की आवृत्ति करते मशहूर फ़िल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी
 
 
जीवन में इंतज़ार करने वालों को उतना ही मिलता है जितना प्रयास करने वाले छोड़ देते हैं।
- ए०पी०जे० अब्दुल कलाम
 
 



लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
 
 
अग्निपथ - हरिवंश राय 'बच्चन' 
 
वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
 
 

जिनमें जीतने की इच्छा होती है, वे कभी पीठ नहीं दिखलाते

 
 
 
यह धरती बेहद खूबसूरत है क्योंकि कोई है जिसे इसकी फ़िक्र है
 
 
देशभक्ति से परिपूर्ण सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता "झाँसी की रानी"
 
 

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